** प्रदेश के सभी कॉलेज प्रिंसिपलों से मांगी राय
** सेमेस्टर सिस्टम में छात्र पर रहता है दबाव
गुड़गांव : कॉलेजों में सेमेस्टर सिस्टम बंद हो सकता है। महर्षि दयानंद यूनिवर्सिटी (एमडीयू) समेत प्रदेश के अन्य यूनिवर्सिटी के कॉलेज पुराने वार्षिक सिस्टम पर लौट सकते हैं। कॉलेजों के सेमेस्टर सिस्टम में हो रही गड़बड़ी को लेकर उच्चतर शिक्षा विभाग ने प्रदेश के सभी कॉलेजों के प्रिंसिपलों से पांच जनवरी तक ऑनलाइन राय मांगी है। दस जनवरी को इस बाबत उच्चतर शिक्षा विभाग के प्रधान सचिव व अन्य आला अधिकारियों के साथ बैठक की जाएगी। उच्चतर शिक्षा विभाग ने सभी कॉलेज प्रिंसिपलों से पूछा है कि सेमेस्टर सिस्टम में क्या अच्छाई और खामियां है? सेमेस्टर सिस्टम में क्या बदलाव कर इसे बेहतर बनाया जा सकता है? सेमेस्टर सिस्टम और वार्षिक सिस्टम में कौन बेहतर है और क्यों? पांच जनवरी तक जवाब मिलने के बाद उच्चतर शिक्षा विभाग इस पर मंथन शुरू करेगा। दस जनवरी को बैठक के बाद इस पर आगे विचार विमर्श करने के लिए एक कमेटी का भी गठन किया जाएगा।
प्रदेश में लागू सेमेस्टर सिस्टम की मुखालफत शुरू से हो रही है। हाल ही एमडीयू के परीक्षा सुधार कमेटी की बैठक में यूनिवर्सिटी से संबंधित सभी कॉलेजों के प्रिंसिपलों ने वाइस चांसलर से सेमेस्टर सिस्टम खत्म करने की अपील की थी, लेकिन वहां पर कोई फैसला नहीं हुआ था। सेमेस्टर सिस्टम के खिलाफ उठते सुर को देखते हुए हाल ही में गुड़गांव में आयोजित एक कार्यक्रम में शिक्षा मंत्री प्रोफेसर रामबिलास शर्मा ने भी एक कमेटी बनाने की बात कहकर सेमेस्टर सिस्टम खत्म करने के संकेत दिए थे।
यूनिवर्सिटी के पास है अधिकार
शिक्षाविदों के मुताबिक यूनिवर्सिटी के पास अधिकार है कि वह परीक्षाओं के लिए सेमेस्टर सिस्टम रखें या वार्षिक। यूनिवर्सिटी प्रशासन चाहे तो शैक्षणिक परिषद् की बैठक में इस पर सुझाव रखकर इसे पारित कर लागू कर सकता है।
"अभी केवल सेमेस्टर सिस्टम पर राय ली जा रही है। खत्म करने या जारी रखने का फैसला बाद में लिया जाएगा। अभी विभाग मंथन कर रहा है।"-विजय वर्धन, अतिरिक्त मुख्य सचिव, उच्चतर शिक्षा विभाग
"सेमेस्टर सिस्टम पर राय ली जा रही है। इस बारे में प्रिंसिपल अपने अनुभव और कॉलेज के शिक्षकों के साथ मिलकर चर्चा करने के बाद राय देंगे। अंतिम फैसला उच्चतर शिक्षा विभाग और यूनिवर्सिटी को लेना है।"--ज्ञानेंद्र, प्रिंसिपल गवर्नमेंट गर्ल्स कॉलेज
सिस्टम में दिक्कत
यूनिवर्सिटी में विभिन्न कोर्स करने वाले छात्रों को पूरे सेमेस्टर में 90 दिन कक्षा में उपस्थित रहना जरूरी होता है। जब सेमेस्टर शुरू होता है तो छात्र पहले पखवाड़े में कक्षाओं में नजर नहीं आते। इसके बाद जब सेमेस्टर पूरा होने को होता है तो एक पखवाड़े पूर्व ही छात्र कक्षाओं से फिर गायब हो जाते है। नतीजतन, 60 दिन कक्षाएं हो पाती है और फिर पढ़ाई बाधित होती है। शिक्षकों के मुताबिक, सेमेस्टर सिस्टम के कारण छात्र दबाव में रहता है। जिससे यूनिवर्सिटी और कॉलेजों की सांस्कृतिक व खेल गतिविधियां भी नहीं हो पाती। जब कोर्स पूरा होने को होता है तो कई छात्र की सभी सेमेस्टर में मिलाकर कई कंपार्टमेंट हो जाती हैं। au
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